clr bada hota hai size mein aur ye r0 se start hota haiye genrally colorfull hota hai  iske pass pr likha hota hai dc jack ke pass hota hai 6 gen tak ke motherboard mein clr pe voltage inject kr skte hai  lid switch 3 legs ka hota hai laptop ki screen mein magnet hota hai jisse ye swich off hota hai laptop open hone ki conditiom mein ye switch dono legs mein connectivity hoti 3 volt dono sides aane chahiye ye i/o ko signal deta hai ki laptop open hai   board mein bq name se jo ic hoti hai wo charging ic hoti hai is ic mein mainy 3 voltage check krni hoti hai first vcc second ac detect and last ac ok ac detect mein volt 2.2 se lekar 3 volt tak aana chahiye checking steps visual inspection rtc section vin

ENGINE COOLING SYSTEM IN HINDI

                                           ENGINE COOLING SYSTEM
                        Image result for ENGINE radiator

इंजन चलने पर गर्मी (HEAT) पैदा करते है अगर इस हीट को बहार न निकला जाये तो इंजन 
केPISTON (SEEZ)  यानि फंस जाता है क्योंकि ताप बढ़ने से (METEL) धातु के आयतन मे प्रसार होता है इससे बचने के लिए इंजिन को ठंडा रखना पड़ता है

ENGINE मे दो तरह की COOLING SYSTEM होते है:-
1)WATER COOLING
2)AIR COOLING

1)WATER COOLING:-

WATER COOLING के भी दो प्रकार होते है :- 1 ) बलकृत जल शीतलन प्रणाली(FORCED COOLING SYSTEM)

 2 ) थर्मो साइफन प्रणाली(THERMO SYPHON COOLING SYSTEM )

  इनमे से बलकृत जल शीतलन प्रणाली का प्रयोग ही ज्यादातर किया जाता है 

बलकृत जल शीतलन प्रणाली(FORCED COOLING SYSTEM)


इसमें COOLING के लिए  पानी USE किया जाता है जिसके साथ कूलेंट (COOLANT) का प्रयोग किया जाता है ENGINE BLOCK मे पिस्टन के साइड्स में WATER JACKET बने होते है PISTON को ठंडा रखने के लिए वाटर को PISTON के बगल से गुजारा जाता है जिससे ENGINE की गर्मी वाटर में चली जाती है और इंजन ठंड हो जाता है

Radiator में पानी व कूलैंट मौजूद होता है जो RADIATOR के नीचे से HOSE पाइप के जरिये वाटर पंप में जाता है WATER PUMP पानी का FLOWयानि बहाव बनाये रखता है ये पंप पुल्ली व बेल्ट से जुड़ा होता है जो क्रैंक से  चलता है इसी पंप के साथ आगे fan जुड़ा होता है जो रेडियेटर को भी ठंड करता है WATER JACKETमें पानी circulate होता रहता है और धीरे-धीरे गर्म हो जाता है जब वाटर का तापमान 70-80 डिग्री तक पहुँच जाता है तब उस पानी को निकलना पड़ता है इसके लिए इंजन मे थर्मोस्टेट वाल्व (THERMOSTAT VALVE) लगा होता है ये NORMALY तब तक बंद रहता है जब पानी का तापमान 70 से 80 तक नही पहुँचता उचीत तापमान पर ये खुल जाती है और गर्म पानी रेडियेटर में चली जाती है और RADIATORके CORE से होकर गुजरता है CORE कई एल्युमीनियम या कॉपर TUBESका बना होता है जब इस कोर पर हवा पड़ती है तब यह गर्मी बाहर के वातावरण मे चली जाती है जब ये ठंडी हो जाती है तो उसे वापस इंजन में भेजा जाता है
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इसका USE HEAVY VEHICLE यानि भरी गाडियो मे होता है क्योंकि ये ज्यादा गर्म होते है





थर्मो साइफन प्रणाली(THERMO SYPHON COOLING SYSTEM )

ये भी बलकृत जल शीतलन प्रणाली की तरह ही होता है इसमें केवल रेडियेटर को इंजन से कुछ ऊपर रखा जाता है इसमें कोई वाटर पंप नहीं लगा होता है  वैज्ञानिक सिद्धांत पर कार्य करता है की गर्म पानी ठन्डे पानी की तुलना में हल्का होता है और हल्की वास्तु तैरकर सदैव ऊपर आ जाती है रेडियेटर के ऊँचा होने के कारण पानी रेडियेटर द्वारा इंजन के वाटर जैकेट में चला जाता है जब इंजन चलता है तब ये पानी गर्म होता है और ठन्डे पानी के ऊपर तैरता है और इस प्रकार रेडियेटर से ठंडा पानी सदैव आता रहता है 

2)AIR COOLING:-इसका USE ज्यादातर 2 STROKE इंजन एवं 4स्ट्रोक की हल्की गाडियो मे होता है इसमें COOLINGहवा के जरिये किया जाता है  MOTOR BIKES में ज्यादातर इसी का प्रयोग किया जाता है
इंजन के ऊपर फिन्स बने होते है जो की अलुमिनियम एलाय (ALLUMINIUM ALLOY) के बने होते है इन पर जब हवा टकराती है तब इनकी गर्मी SURROUNDING ATMOSPHERE यानि वातावरण में चली जाती है और इंजन ठंड हो जाता है कुछ बड़े ENGINEमे इनके सामने FAN को लगाया जाता है जो इसकी गर्मी जल्दी निकाल देता है इन गाडियो की दक्षता (EFFICIENCY) कम होती है इन्हे दूर तक नही चलाया जा सकता है


इसके अलावा इंजन मे COOLING के लिए OILका USEभी किया जाता है जिसमे WATER की जगह आयल का प्रयोग किया जाता है


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