clr bada hota hai size mein aur ye r0 se start hota haiye genrally colorfull hota hai  iske pass pr likha hota hai dc jack ke pass hota hai 6 gen tak ke motherboard mein clr pe voltage inject kr skte hai  lid switch 3 legs ka hota hai laptop ki screen mein magnet hota hai jisse ye swich off hota hai laptop open hone ki conditiom mein ye switch dono legs mein connectivity hoti 3 volt dono sides aane chahiye ye i/o ko signal deta hai ki laptop open hai   board mein bq name se jo ic hoti hai wo charging ic hoti hai is ic mein mainy 3 voltage check krni hoti hai first vcc second ac detect and last ac ok ac detect mein volt 2.2 se lekar 3 volt tak aana chahiye checking steps visual inspection rtc section vin

CRANK SHAFT IN HINDI

                                   क्रैंक शाफ्ट                                                                                                                       

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क्रैंक शाफ्ट इंजन में लगा सबसे अहम पार्ट होता है पिस्टन के डाउनवर्ड  मोशन यानि ऊपर और निचे की गति से प्राप्त फ़ोर्स को क्रैंक शाफ्ट प्राप्त करता है पिस्टन से इसे कनेक्टिंग रोड से कनेक्ट किया जाता है
क्रैंक शाफ्ट इस ऊपर और निचे यानि up and down motion को रोटरी अर्थात घुमाव में परिवर्तित करता है कनेक्टिंग रोड के छोटे सिरे को स्माल एंड और बड़े सिरे को बिग एन्ड कहते है connecting rod piston और crank शाफ्ट को जोड़ती है और दोनों चोरो पर स्वतन्त्र गति कर सकते है क्रैंक शाफ्ट इस पॉवर को आउटपुट में बाहर देता है जिसे व्हील तक पहुचाया जाता है क्रैंक के angle अलग अलग degree पर मुड़ा होता है क्रैंक शाफ्ट के एक छोर पर गियर लगी होती है जोकि आइडियल गियर से कनेक्ट होती है और आइडियल गियर केम शाफ्ट के गियर से कनेक्ट होती है इसे टाइमिंग गियर्स भी कहते है ये गियर अथवा बेल्ट के द्वारा आपस मे भी कनेक्ट हो सकती है क्रैंक शाफ्ट से पुल्ली भी कनेक्ट रहती है जो वाटर पंप अल्टरनेटर और फैन को घूमती है

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संरचना:-क्रैंक शाफ्ट टेढ़े मेढ़े आकृति या ऊपर निचे जैसा दीखता है इसमें मेंन जनरल व क्रैंक पिन होता है main jounral के दोनों सिरे क्रैंक केस में बेयरिंग से कनेक्ट रहते है यानि क्रैंक शाफ्ट के दोनों छोर बेयरिंग से कनेक्ट रहते है तथा बिच के jounral भी बेयरिंग से जुड़े होते है हर एक पिस्टन के लिए एक क्रैंक पिन होती है जिससे पिस्टन कनेक्ट होता है इसके अलावा क्रैंक पिन से कनेक्टिंग रोड जुड़ा होता है इसमें इंजन के बैलेंस को बनाये रखने के लिए क्रैंक शाफ्ट मे काउंटर वेइट्स (counter weights) या जिसे बैलेंसिंग वेट कहते है लगे होते है जोकि लेड धातु के बने होते है जो की इसलिए लगाये जाते है की जब क्रैंक shaft घूमता है तब इसके टेढ़ी मेढी संरचना की वजह से ये संतुलित ढ़ंग से नही घूमते इनको संतुलित (balance) करने के लिए counter weight लगाये जाते है अगर ये नही होंगे तो इंजन मे vibration होगी
 क्रैंक शाफ्ट ड्राप फोर्ज स्टील से बनी होती है क्रैंक शाफ्ट के अंदर होल बने होते है जिनके अंदर से आयल (oil) flow यानि बहता है जो लुब्रिकेशन का कार्य करता है क्रैंक पिन में होल बने होते है जिनसे आयल बहार आता है

प्रकार :-

1)सिंगल पीस (SINGLE PIECE CRANK SHAFT)
2)बिल्ट-अप क्रैंक (BUILT UP CRANK SHAFT)

1)सिंगल पीस:-ये एक ही टुकड़े की बनी होती है आजकल ज्यादातर इसी का प्रयोग होता है इसे सरे पार्ट्स क्रैंक पिन क्रैंक जर्नल वेब काउंटर वेट वेब सभी एक साथ ढाले जाते ढलाई के बाद क्रैंक पिन तथा जनरल को ग्राइंड किया जाट है जिससे इनको चिकना और पोलिस बनाया जा सके 

बिल्ट-अप क्रैंक :-इस प्रकार के क्रैंक शाफ़्ट को कई हिस्सों में जोड़कर बनाया जाता है  पिन तथा जनरल को क्लिप तथा बोल्ट्स द्वारा बेस शाफ़्ट तथा वेट के साथ जोड़ा जाता है इस शाफ़्ट में रोलर बेअरिंग का अधिक प्रयोग किया जाट है इसके साथ कई इंजन में क्रैंक शाफ़्ट के साथ गन मेटल के बुश प्रयोग किये जाते है परन्तु इस प्रकार के शाफ़्ट मुलती सिलिंडर इंजन क लिए उपुक्त नहीं है क्योंकि कुछ दिनों के बाद इनके बोल्ट्स ढीले पड जाते है इनका प्रयोग सिंगल सिलिंडर इंजन और छोटे इंजन में किया जाता है 

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