ELECTRONIC IGNITION SYSTEM
इसका प्रयोग आधुनिक गाड़ियों में किया जाता है इसे ecu इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट के द्वारा नियंत्रित किया जाता है इसके लिए हॉल इफ़ेक्ट सेंसर या पल्स genrator का प्रयोग किया जाता है इसमे ट्रांससिस्टर का प्रयोग किया जाता है
इलेक्ट्रॉनिक इग्निशन सिस्टम के प्रकार
1)control transistorised ignition system
2)magnetic control electronic or transistorised ignition system
CONTROL TRANSISTORISED IGNITION SYSTEM
डिस्ट्रीब्यूटर के अंदर cb पॉइंट लगे होते है प्राइमरी सर्किट में ट्रांससिस्टर का प्रयोग किया जाता हैं ट्रांससिस्टर एक स्विच की तरह होता है
ट्रांससिस्टर में तीन भाग होते है बेस कलेक्टर और एमिटर कलेक्टर को सप्लाई से जोड़ा जाता है और एमिटर से उस सप्लाई को प्राप्त किया जाता है लेकिन सप्लाई टैब तक नही जा सकती जब तक कि बेस को कुछ सप्लाई न दी जाये बेस एक स्विच होता है जब बेस को सप्लाई नही दी जाती तब ट्रांससिस्टर एक नॉन कंडक्टर की भांति व्यवहार करती है लेकिन जैसे ही गेट को सप्लाई दी जाती है ये नॉन कंडक्टर से कंडक्टर बन जाती है
यह बैटरी इग्निशन सिस्टम की तरह ही होता है लेकिन प्राइमरी सर्किट में मेक एंड ब्रेक करने का काम ट्रांससिस्टर के माध्यम से किया जाता है ट्रांससिस्टर के बेस को ऑन ऑफ करके यानी बेस पावर को बंद चालू करके सर्किट को मेक एंड ब्रेक किया जाट है बेस को बंद चालू करने का काम डिस्ट्रीब्यूटर में लगे सर्किट से किया जाता है और एक ये सिग्नल ट्रांससिस्टर के बेस को दे देता है
magnetic control electronic or transistorised ignition system
इसमे सर्किट को मेक एंड ब्रेक करने का काम ecu के द्वारा किया जाता है प्राइमरी सर्किट को ecu के द्वारा इसे मेक एंड ब्रेक किया जाता है ecu को मेक एंड ब्रेक करने का निर्देश मैग्नेटिक पिकअप डिस्ट्रीब्यूटर के द्वारा दिया जाता है इस डिस्ट्रीब्यूटर में एक डिस्ट्रीब्यूटर शाफ़्ट होती है जिनमे आर्मेचर लगा होता है इस आर्मेचर में एक मेग्नेटिक टिप होती है इस डिस्ट्रीब्यूटर शाफ़्ट को इंजन की कैम शाफ़्ट से चलाया जाता है इसके अलावा एक पिकअप कॉइल लगी होती है ये पिकअप कोइल एक सेंसर की तरह होता है जब आर्मेचर घूमता है तब आर्मेचर में लगा मैगनेट पिकअप कॉइल के सामने आता है तब इस सेंसर के द्वारा एक वोल्टेज उत्पन्न होता है जो ecu को जाती है ecu इसके अनुसार सर्किट को ब्रेक कर देती है जब मैग्नेटिक टिप इसके सामने से हट जाती है तब पिकअप कॉइल में कोई वोल्टेज नही बनता और ecu यह समझ जाता है कि अब सर्किट को पुनः मेक कर देती है यानी जोड़ देती है इस प्रकार मेक एंड ब्रेक करके फ्लक्स को चेंज किया जाता है जिससे हाई वोल्टेज लगभग 20000 से 50000 वोल्टेज इग्निशन कॉइल में बन जाती है सेकंडरी कोइल में बना वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूटर में चला जाता है जहाँ फायरिंग आर्डर के अनुसार बारी बारी से सबको वोल्टेज दिया जाता है
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