clr bada hota hai size mein aur ye r0 se start hota haiye genrally colorfull hota hai  iske pass pr likha hota hai dc jack ke pass hota hai 6 gen tak ke motherboard mein clr pe voltage inject kr skte hai 

IGNITION COIL IN HINDI

IGNITION COIL




इग्निशन कोइल का प्रयोग वाहनों इग्निशन सिस्टम में किया जाता है यह बैटरी के लो टेंशन करंट को हाई टेंशन करंट में बदलता है ताकि स्पार्क प्लग में स्पार्क बन सके ज्यादातर गाड़ियों में 6 से 12 वोल्ट तक कि बैटरी का प्रयोग किया जाता है इस 12 वोल्ट को 12000 से 50000 वोल्ट तक बढ़ाया जाता है

PARTS OF IGNITION COIL


1)PRIMARY WINDING
2) SECONDARY WINDING
3)SOFT IRON CORE
4)COOLING OIL
6)TERMINAL
7) CONTAINER



इसमे दो वाइंडिंग होती है एक प्राइमरी वाइंडिंग और दूसरा सेकंडरी वाइंडिंग प्राइमरी वाइंडिंग के तार मोटे कॉपर के तारों के होते है और इसी वाइंडिंग के ऊपर सेकंडरी वाइंडिंग की जाती है जो कि पतले तारो की होती है प्राइमरी वाइंडिंग से कम टर्न होते है और सेकंडरी वाइंडिंग में अधिक टर्न होते है प्राइमरी में 200 वाइंडिंग टर्न और सेकंडरी में 2000 टर्न होते है इन वाइंडिंग के बीच मे सॉफ्ट आयरन कोर होता है इस कोर के कारण करंट लॉस कम होते है और इन दोनों वाइंडिंग को आयल में डूबा कर रखा जाता है ताकि यदि वाइंडिंग गर्म हो जाये तब आयल इनको ठंडा कर सके इसे एक कंटेनर में रखा जाता है वाइंडिंग के सिरों को टर्मिनल से जोडा जाता है

प्राइमरी वाइंडिंग में जब बैटरी से करंट दी जाती है तब वाइंडिंग में फ्लक्स बनता है जो दूसरे वाइंडिंग के संपर्क में आता है इस फ्लक्स में जब चेंज होता है तब सेकंडरी वाइंडिंग में ज्यादा करंट बन जाती है 

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