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Showing posts from September, 2018
 clr bada hota hai size mein aur ye r0 se start hota haiye genrally colorfull hota hai  iske pass pr likha hota hai dc jack ke pass hota hai 6 gen tak ke motherboard mein clr pe voltage inject kr skte hai 

GOVERNOR IN HINDI

GOVERNOR इंजन की चाल को कम या अधिक करने के लिए गवर्नर का प्रयोग किया जाता है ये केवल डीज़ल इंजन में ही प्रयोग किये जाते है गवर्नर को फ्यूल इंजेक्शन पंप के साथ जोड़ा जाता है गवर्नर डीज़ल की मात्रा  नियंत्रित करके इंजन की चाल को कम या अधिक करते है प्रकार (TYPES) 1 ) मैकेनिकल और सेन्ट्रीफ्यूगल टाइप 2 ) नूमेटिक टाइप 3 ) हाइड्रोलिक टाइप मैकेनिकल और सेन्ट्रीफ्यूगल टाइप इसमें फ्यूल इंजेक्शन पंप के कैम शाफ़्ट पर सेन्ट्रीफ्यूगल वेट या फ्लाईवेट यानि एक भार होता है जिसको स्प्रिंग की सहायता से बांध कर रखा जाता है ये वेट अपने स्थान पर ऊपर -निचे हो सकते है लेकिन बाहर नहीं निकल सकते जब कैम शाफ़्ट घूमती है तब ये भार भी घूमते है घूमने के कारण ये बाहर निकलने का प्रयत्न करते है लेकिन निकल नहीं पाते ये जिस फाॅर्स के कारण बाहर आते है इसे ही सेन्ट्रीफ्यूगल फाॅर्स कहा जाता है जब सीएएम शाफ़्ट तेजी से घूमती है तब ये उसी गति से बाहर आने का प्रयास करते है जब ये बाहर आते है तब इसके साथ जुड़ा कण्ट्रोल रोड पीछे की ओर आता है और ये रोड प्लंजर को कण्ट्रोल स्लीव के माध्यम से घुमाकर डीज़ल की मात्रा को कम या ज्याद

INJECTOR TESTING IN HINDI

INJECTOR TESTING इंजेक्टर काफी लम्बे समय तक काम करते है लेकिन अधिक दिनों तक काम करने के बाद इंजेक्टर में खराबी आ जाती है इंजेक्टर का प्रेशर कम हो जाता है नोजल से डीज़ल टपकने लगता है उससे निकलने वाले फुहार स्प्रे में परिवर्तन आ जाता है इंजेक्टर के होल बंद हो जाते है जिससे उसके फुहार में परिवर्तन आ जाता है इंजेक्टर को चेक करने के लिए तीन  टेस्ट किये जाते है इनको हैंड इंजेक्टर प्रेशर टेस्टर मशीन द्वारा चेक किया जाता है की इसमें क्या खराबी है TYPES OF INJECTORS NOZZLE IN HINDI INJECTOR IN HINDI FUEL INJECTION PUMP IN HINDI टेस्ट के प्रकार 1 ) इंजेक्टर प्रेशर टेस्ट 2 ) लीक टेस्ट 3 ) स्प्रे टेस्ट इंजेक्टर प्रेशर टेस्ट इंजेक्टर को हैंड इंजेक्टर प्रेशर टेस्टर मशीन में लगा कर उसे मशीन के हैंडल को ऊपर-निचे की ओर चलाते है मशीन में प्रेशर गेज लगा होता है जब मशीन के हैंडल को चलते है तब इंजेक्टर के प्रेशर का पता चलता है प्रेशर के काम या अधिक होने पर अडजस्टिंग स्क्रू को काम या अधिक करके प्रेशर को सेट कर दिया जाता है और इसके पश्चात पुनः प्रेशर टेस्ट करके लॉक नट को लॉक कर दिया जाता है

INJECTOR IN HINDI

INJECTOR डीज़ल इंजन में फ्यूल को छोटे-छोटे कणो के रूप में अर्हत फुहार के रूप में कमबस्चन चैम्बर  में छिड़काव करने का काम इंजेक्टर की सहायता से किया जाता है डीज़ल को छोटे-छोटे कणो के रूप में स्प्रे करने को ऑटोमाइज़ेशन  AUTOMIZATION  भी कहते है इंजेक्टर की सहायता से फ्यूल को लगभग 1500 से 2000 प्रति वर्ग इंच (PSI ) के दबाव पर इंजेक्ट किया जाता है कमबस्चन चैम्बर में जब   पिस्टन    जब कम्प्रेशन स्ट्रोक में होता है तब उसमे मौजूद हवा का टेम्प्रेचर लगभग 500 से 700 डिग्री के बिच रहता है हवा का तापमान इतना अधिक होने से जब उसमे इंजेक्टर की सहायता से डीज़ल को स्प्रे किया जाता है तब डीज़ल उसकी गर्मी से जलने लगता है और जब गैस जलती है तब ये फैलने लगती है जिससे पिस्टन पर दबाव पड़ता है और पिस्टन  B.D.C अर्थात निचे की और गति करता है आजकल व्हीकल्स में सोलेनॉइड इंजेक्टर का प्रयोग किया जाता है जो इलेक्ट्रिकल होता है जो व्हीकल में लगे कंप्यूटर यानि ECU (ELECTRONIC CONTROL MODULE) से कण्ट्रोल किया जाता है की इसे कब खुलना और कब बंद होना है ENGINE WORKING IN HINDI INJECTOR TESTING IN HINDI FUEL INJE

FUEL INJECTION PUMP IN HINDI

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FUEL INJECTION PUMP GOVERNOR IN HINDI INJECTOR IN HINDI PHASING AND CALIBRATION MACHINE IN HINDI DIESAL TANK IN HINDI TIMING GEAR IN HINDI TYPES OF INJECTORS NOZZLE IN HINDI फ्यूल इंजेक्शन पंप डीज़ल EGINE में प्रयोग किये जाते है फ्यूल को हाई प्रेशर इंजेक्टर में भेजने के लिए फ्यूल इंजेक्शन पंप डीज़ल को दबाव के साथ इंजेक्टर को भेजते है इसके साथ कब और किस इंजेक्टर को फ्यूल भेजनी है इसका निर्णय भी इसका द्वारा किया जाता है और कितने टाइम तक ये भेजते रहना है ये भी यही तय करता है इसमें मुख्या रूप से दो प्रकार के फ्यूल इंजेक्शन पंप होते है 1 ) डिस्ट्रीब्यूटर फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम ( DISTRIBUTOR FUEL INJECTION SYSTEM ) 2 ) इंडिविजुअल फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम ( INDIVDUAL FUEL INJECTION SYSTEM ) डिस्ट्रीब्यूटर फ्यूल इंजेक्शन सिस्टम इसमें एक मास्टर पंप होता है जो डीज़ल को हाई प्रेशर के साथ डिस्ट्रीब्यूटर मैकेनिज्म तक भेजता है इस डिस्ट्रीब्यूटर में एक नोजल होता है जो घूमती रहती है और प्रत्येक इंजेक्टर क पाइप लाइन के साथ बारी - बारी से जुड़ती और हटती रहती है जब ये नोजल किसी एक पाइप

WATER SEPARATOR IN HINDI

WATER SEPARATOR इसका काम इंजन में मौजूद पानी के कणो को अलग करना होता है ये डीज़ल टैंक  और फीड पंप  दोनों के बिच में लगा होता है कभी-कभी फ्यूल टैंक में पानी चला जाता है यदि ये पानी को इसमें से नहीं निकालेंगे तो तो फ्यूल सप्लाई में पहुंचकर फ्यूल इंजेक्शन पंप  पाइप लाइन और इसके सभी भागो में जंग लगा कर उन्हें ख़राब कर देगी इससे बचने के लिए वाटर सेपरेटर का प्रयोग किया जाता है सेपरेटर पानी की मात्रा को अपने अंदर रोककर केवल फ्यूल को ही आगे जाने देती है वाटर सेपरेटर  में मौजूद पानी को हफ्ते में एक बार साफ कर लेना चाहिए DIESAL TANK IN HINDI FUEL INJECTION PUMP IN HINDI FUEL FEED PUMP IN HINDI

PHASING AND CALIBRATION MACHINE IN HINDI

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PHASING AND CALIBRATION फ्यूल इंजेक्शन पंप को जांचने के लिए फेसिंग एंड कैलिब्रेशन मशीन का प्रयोग किया जाता है    फ्यूल पंप  का काम सभी इंजेक्टररों को बारी - बारी से फ्यूल की सप्लाई देना होता है और सबको एक सामान मात्रा में फ्यूल देना होता है इसके अलावा इंजेक्शन का अंतराल यानि कितने समय तक फ्यूल इंजेक्टर फ्यूल को combustion chamber  में स्प्रे करेंगे इन सबका निर्धारण फ्यूल इंजेक्शन पंप के द्वारा किया जाता है FUEL INJECTION PUMP IN HINDI TIMING GEAR IN HINDI INJECTOR IN HINDI DIESAL TANK IN HINDI TYPES OF COMBUSTION CHAMBER IN HINDI फेसिंग (PHASING) फ्यूल इंजेक्शन पंप में वह टाइमिंग होती है जो फ्यूल को एक निश्चित समय पर इंजेक्ट करती है और निश्चित समय पर इंजेक्शन को रोकती है फेसिंग कहलाती है यदि सभी सिलिंडर को में निश्चित समय पर फ्यूल इंजेक्शन नहीं होगा तो इंजन बैलेंस्ड नहीं चलेगा अनियमित रूप से चलता है इंजन झटके मरने लगती है इस कमी को थीक  करने के लिए फ्यूल इंजेक्शन पंप की फेसिंग की जाती है इसमें फ्यूल इंजेक्शन पंप के अंदर लगे रोलर टैपेट और प्लंजर के बिच के गैप को

FUEL FEED PUMP IN HINDI

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FUEL FEED PUMP फ्यूल फीड पंप को फ्यूल ट्रांसफर पंप भी कहते है इस पंप का काम फ्यूल टैंक में रखे फ्यूल को फ्यूल इंजेक्शन पंप तक पहुंचाना होता है फ्यूल इंजेक्शन    पंप कैम शाफ़्ट से चलती है ये दो प्रकार की होती है FUEL INJECTION PUMP IN HINDI INJECTOR IN HINDI DIESAL TANK IN HINDI 1 ) इंजेक्शन प्लंजर टाइप (INJECTION PLUNGER TYPE PUMP) 2 ) डायफ्राम टाइप पंप ( DIAPHRAM TYPE) इंजेक्शन प्लंजर :- इसके भी दो प्रकार होते है पहला सिंगल एक्टिंग और दूसरा डबल एक्टिंग पंप डायफ्राम टाइप पंप :- इसका प्रयोग ऐसी जगह पर किया जाता है जहाँ फ्यूल टैंक से फ्यूल इंजेक्शन पंप की दुरी काम हो इस पंप    का प्रेशर अधिक नहीं होता है

DIESAL TANK IN HINDI

DIESAL TANK वाहनों में डीज़ल को एक स्थान पर रखने के लिए डीज़ल टैंक लगी होती है ये मजबूत टिन  चददर को मोड़कर कई आकार में बनायीं जाती है इस टैंक में डीज़ल भरने के लिए एक होल होता है जिसमे एक ढक्कन लगाया जाता है टंकी के निचे की तरफ एक यूनियन लगी होती है जिसकी सहायता से डीज़ल फ्यूल फ़िल्टर और फ्यूल ट्रांसफर पंप में जाता है इस टंकी में निचे की तरफ एक चैम्बर बना होता है जिसका काम यदि डीज़ल में पानी मिला हो तो ये पानी उसमे इक्कठा होता रहता है इसके साथ ही अन्य गंदगी भी इसी सेडीमेंट चैम्बर में जमा होती रहती है इस टंकी में एक ऐसा सिस्टम लगाया जाता है जो टंकी में फ्यूल की मात्रा को बताता है की अभी टंकी में कितना फ्यूल बचा है ये मैकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक सेंसर दोनों तरह का हो सकता है इसमें ओवरफ्लो रिटर्न पाइप भी लगा होता है जो फ्यूल पंप और इंजेक्टर से आया अतिरिक्त डीज़ल  होता है FUEL INJECTION PUMP IN HINDI WATER SEPARATOR IN HINDI

WATER COOLING SYSTEM CLEANING METHODS IN HINDI

WATER COOLING SYSTEM CLEANING वाटर कूलिंग की सफाई करना आवश्यक होता हैइसके लिए तरह-तरह की सोडा का प्रयोग किया जाता है इस सोडा को  रेडियेटर  में 1:10  के अनुपात में घोल को रेडियेटर  में डालना चाहिए यदि  रेडियेटर  में पपड़ी ज्यादा मोती हो गयी हो तो सोडा मि मात्रा को बढ़ा देना चाइये है सोडा को डालने के बाद इंजन को लगभग एक से दो घंटे तक आइडियल स्पीड पर चलाना चाहिए इसके अतिरिक्त हाइड्रोक्लोराइड और पानी का घोल प्रयोग किया जाता है ENGINE COOLING SYSTEM IN HINDI THERMOSTAT VALVE IN HINDI RADIATOR IN HINDI RADIATOR PRESSURE CAP IN HINDI ENGINE WATER PUMP IN HIND WATER JACKET IN HINDI प्रेशर फ्लशिंग (PRESSURE FLUSHING) इस विधि में पानी और हवा को कंप्रेसर की सहायता से दबाव के साथ  रेडियेटर  में भेजा जाता है इसके दो प्रकार होते है 1 ) स्ट्रेट फ्लशिंग :- इसमें हवा और पानी को दबाव के साथ  रेडियेटर  से वाटर पंप और वाटर जैकेट में भेजा जाता है 2 ) इसमें थर्मोस्टेट वाल्व  को निकलकर  रेडियेटर  में हवा और पानी को  रेडियेटर  के आउटलेट पाइप से दबाव के साथ  वाटर जैकेट  की ओर भेजा जाता ह

WATER JACKET IN HINDI

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WATER JACKET इंजन  में पावर स्ट्रोक में अत्यधिक उष्मा निकलती है जो सिलिंडर की दीवारों और पिस्टन में चली जाती है यदि इस गर्मी को नहीं निकला जाये तो सिलिंडर की दीवारे उष्मा के कारण फैलने लगेगी और उनका मेटल जल्दी घिस जायेगा इससे बचने के लिए सिलिंडर की दीवारों या सिलिंडर लाइनर को ठंडा रखा जाता है इसके लिए सिलिंडर के चारो तरफ खोखले स्थान बना दिए जाते है जिनमे वाटर यानि कूलेंट आता है जो सिलिंडर की गर्मी को अपने अंदर ले लेते है और इंजन को गर्म होने से बचाते है इन वाटर जैकेट में पानी बहता रहता है यदिवाटर जैकेट में वाटर लीक होने लगे तो कूलैंट  इंजन  के combustion चैम्बर  में चला जाता है इन जैकेट को जंग से बचाने के लिए कूलैंट का प्रयोग किया जाता है क्योंकि कूलैंट में एक ऐसा तत्व होता है जो उसे जंग लगने नहीं देता है यदि सिलिण्डर ब्लॉक  में कही क्रैक आ जाये तब भी कूलैंट    जैकेट में से बाहर आने लगेगा ENGINE WORKING IN HINDI ENGINE COOLING SYSTEM IN HINDI HERMOSTAT VALVE IN HINDI ENGINE WATER PUMP IN HIND RADIATOR IN HINDI

ENGINE WATER PUMP IN HIND

WATER PUMP पंप का काम रेडियेटर के अंदर मौजूद कूलेंट को खींचकर उसे प्रेशर के साथ इंजन के वाटर जैकेट में भेजना होता है इसे इंजन के आगे की ओर लगाया जाता है इस पंप को इंजन के क्रैंक शाफ़्ट द्वारा बेल्ट द्वारा पुल्ली  जोड़ा जाता है इस पंप में इम्पेलर लगा होता है इस कारन इसे इम्पेलर टाइप वाटर पंप कहते है कुछ आधुनिक इंजन में इलेक्ट्रिक  का प्रयोग किया जाता है जिससे इंजन की पावर की कम हानि होती है ENGINE COOLING SYSTEM IN HINDI THERMOSTAT VALVE IN HINDI RADIATOR IN HINDI RADIATOR PRESSURE CAP IN HINDI WATER JACKET IN HINDI

RADIATOR PRESSURE CAP IN HINDI

RADIATOR PRESSURE CAP रेडियेटर कैप का प्रयोग इंजन के रेडियेटर में प्रेशर को एक निश्चित प्रेशर में रखना होता है फोर्स्ड कूलिंग सिस्टम में इस तरह की कूलिंग सिस्टम काम में लायी जाती है एक ओपन टाइप और दूसरा हाई प्रेशर सिस्टम टाइप ओपन टाइप सिस्टम में साधारण रेडियेटर कैप का प्रयोग जाता है जबकि हाई प्रेशर सिस्टम में  हाई प्रेशर रेडियेटर कैप का प्रयोग किया जाता है इसमें एक प्रेशर वाल्व होता है कैप में कैप सीट और ओवरफ्लो पाइप का सिस्टम लगा होता है जब रेडियेटर में कूलैंट का टेम्प्रेचर बढ़ता है  कूलैंट का  जाता है और वो बाहर आने का प्रयास करता है रेडियेटर कैप में  वाल्व लगा होता है जो स्प्रिंग से उसे बंद रखता है जब एक निश्चित प्रेशर  पे पड़ता है तब ये वाल्व ओपन  हो जाता है और रेडियेटर के बाहर लगे एक टैंक में पाइप के जरिये चला जाता है जब कूलेंट का टेम्प्रेचर काम होने लगता है तब रेडियेटर के सक्शन बनने लगता है और टैंक में जमा कूलैंट एक दूसरे वाल्व वैक्यूम वाल्व  के जरिये वापस आ जाता है ENGINE COOLING SYSTEM IN HINDI THERMOSTAT VALVE IN HINDI RADIATOR IN HINDI ENGINE WATER PUMP IN HIND W

RADIATOR IN HINDI

RADIATOR रेडियेटर का काम इंजन से आने वाली गर्म कूलेंट को ठंडा करना होता है रेडियेटर को गाड़ी के आगे लगाया जाता है जिसके कारण जब गाड़ी चले तो बाहर की हवा रेडियेटर पर पड सके रेडियेटर के पीछे कूलिंग फैन लगा होता है जो इंजन के क्रैंक शाफ़्ट द्वार पुल्ली और बेल्ट से जुड़ा होता है रेडियेटर कटी भागो से मिलकर बना होता है जैसे (अपर,टैंक,लोअर टैंक,फिन्स,कॉपर ट्यूब,रेडिटोर प्रेशर कैप,कोर,लीक ऑफ पाइप,आउटलेट) जब इंजन चलता है तब वाटर जैकेट में कूलेंट का टेम्प्रेचर बढ़ जाता है और थर्मोस्टेट वाल्व खुल जाता है और ये गर्म कूलैंट होस पाइप से होता हुआ रेडियेटर के अपर टैंक में कूलैंट भर जाता है अपर टैंक में आने के बाद कूलैंट पतली कॉपर टूयब से होकर निचे लोअर टैंक में पहुंचता है इन कॉपर टूयब के साथ फिन्स को लगाया जाता है जो कॉपर टूयब की गर्मी को अपने में अवशोशीत कर उसे वातावरण में भेज देते है ईस संरचना को कोर कहा जाता है लोअर टैंक में आने के बाद ये कूलेंट का तपमान काफी कम हो जाता है और इंजन में लगा वाटर पंप इस कूलेंट को खींचकर वाटर जैकेट में भेज देता है लोअर टैंक के निचे एक ड्रेन प्लग लगा होता है जिसको खोलके

THERMOSTAT VALVE IN HINDI

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THERMOSTAT VALVE ये वाल्व इंजन के कूलिंग सिस्टम के लिए लगाया जाता है इसका काम इंजन के अंदर जब वाटर जैकेट में पानी का एक निश्चित टेम्प्रेचर होता है तभी ये अपना वाल्व खोलता है और पानी को बाहर आने देता है ये तापमान लगभग 180 डिग्री सेल्सियस होता है इस पानी में कूलैंट मिला होता है जो इंजन के अंदर मौजूद पानी को जमने से रोकता है और उसका बोइलिंग पॉइंट को बढ़ा देता है और वाटर जैकेट में जंग लगने से रोकता है थर्मोस्टेट वाल्व को इंजन वाटर जैकेट के निकास मार्ग यानि आउटलेट पर लगाया जाता है और थर्मोस्टेट का दूसरा सिरा रेडियेटर के अपर टैंक से जोड़ा जाता है थर्मोस्टेट वाल्व के ख़राब हो जाने के कारण इंजन बहुत  जल्दी गर्म हो जाता है ये एक मैकेनिकल डिवाइस है इंजन के कूलिंग सिस्टम के बारे में आप यहाँ इस लिंक से विस्तार से जान सकते है ENGINE COOLING SYSTEM IN HINDI RADIATOR IN HINDI RADIATOR PRESSURE CAP IN HINDI ENGINE WATER PUMP IN HIND WATER JACKET IN HINDI ये दो प्रकार के होते है 1 ) बेलौ टाइप  (BELOW TYPE) 2 ) वैक्स टाइप (WAX TYPE ) बेलौ टाइप  (BELOW TYPE) इसके अंदर में किसी तर

OIL DIPSTICK IN HINDI

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OIL DIPSTICK इंजन आयल दिप स्टिक की सहायता से इंजन आयल की मात्रा(LEVEL ) को जाँचा जाता है की इंजन में अभी कितनी आयल है ये इंजन के आयल सम्प में अर्थात आयल चैम्बर में इस प्रकार से डूबी होती है की इसका निचा का भाग चैम्बर में भरे आयल में हमेशा डूबा रहे यह एक लोहे की पतली चपटी पट्टी की एक तार होती है इस रोड में तीन निशान बने होते है लो,फुल और डेंजर( LOW,FULL AND DANGER) लो का मतलब होता है आपके इंजन में आयल की मात्रा अभी कम है फुल का मतलब होता है अभी आयल का लेवल ज्यादा है और डेंजर का अर्थ होता है की आपका इंजन में आयल अभी खतरे के निशान पर है इसमें तुरंत आयल की जरुरत है आयल डालते समय हमेशा ध्यान रखना चाहिए की आयल का लेवल न ही लो हो और न ही फुल के ऊपर इसका लेवल हमेशा लो और फुल के बिच ही रखना चाहिए और समय-समय पर इसको देखना चाहिए ENGINE OIL FILTER IN HINDI PROPERTIES OF LUBRICANT IN HINDI OIL PUMP TYPE IN HINDI ENGINE LUBRICATION METHODS IN HINDI ENGINE OIL DEFECTS IN HINDI GEAR OIL RATING IN HINDI TYPES OF LUBRICANTS IN HINDI

ENGINE OIL FILTER IN HINDI

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ENGINE OIL FILTER जब इंजन काम करता है तब लुब्रीकेंट अर्थात इंजन आयल पंप के द्वारा इंजन के सभी भागो तक पहुंचकर उनको लुब्रिकेशन प्रदान करता है जब ये आयल इन भागो तक पहुँचता है तब पार्ट्स की गंदगी पार्ट्स के टकराने के कारण उनमे से मेटल को छोटे-छोटे महीने कण आयल सम्प में पहुंच जाते है जिनको फ़िल्टर करने की आवसकता होती है जिसके लिए इंजन में आयल फ़िल्टर लगाया जाता है यदि ये कण वापस उन पार्ट्स तक जायेंगे तो उसके कारन उनमे घर्षण बढ़ जायेगा और आयल के मार्ग यानि पैसेज बंद हो जायेंगे जिससे बचने के लिए आयल फ़िल्टर लगाया जाता है फ़िल्टर को आयल पंप और मैं आयल गैलरी के बिच लगाया जाता है इन फ़िल्टर को समय-समय पर बदलना पड़ता है क्योंकि इनके फ़िल्टर एलिमेंट ब्लॉक हो जाते है ये फ़िल्टर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है PROPERTIES OF LUBRICANT IN HINDI OIL PUMP TYPE IN HINDI ENGINE LUBRICATION METHODS IN HINDI ENGINE OIL DEFECTS IN HINDI GEAR OIL RATING IN HINDI TYPES OF LUBRICANTS IN HINDI OIL DIPSTICK IN HINDI OIL DIPSTICK IN HINDI 1 ) कार्टिज टाइप (CARTIDGE TYPE) 2 ) एज टाइप (EDGE TY

PROPERTIES OF LUBRICANT IN HINDI

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PROPERTIES OF LUBRICANT 1 ) विस्कॉसिटी (VISCOCITY) किसी भी तरल प्रदार्थ के बहने के दर को विस्कॉसिटी कहते है पानी की विस्कॉसिटी काम और आयल की ज्यादा होती है जो जितना गाढ़ा होगा उसकी विस्कॉसिटी उतनी ही अधिक होगी विस्कॉसिटी मापने के लिए एक संस्था है जिसे  SAE ( SOCIETY OF AUTOMOBILE ENGINEERS ) कहते है जिसके द्वारा इसका निर्धारण किया जाता है ENGINE OIL FILTER IN HINDI OIL PUMP TYPE IN HINDI ENGINE LUBRICATION METHODS IN HINDI ENGINE OIL DEFECTS IN HINDI GEAR OIL RATING IN HINDI TYPES OF LUBRICANTS IN HINDI OIL DIPSTICK IN HINDI 2 ) तैलीयपन (OILNESS)  तेल में किसी सतह को गिला और चिकना करने का गुण होता है इस गुण के कारण दो सतह आपस में फिसलकर चलते है 3 ) फ़्लैश पॉइंट (FLASH POINT) किसी भी लुब्रीकेंट का वह गुण जो गर्म होने पे भाँप के समान उड़ने के लगे और यदि इस भाप में जलती हुए तीली को लाये तो तेल की सतह पर प्रकाश उत्पन्न होती है 4 ) फायर पॉइंट (FIRE POINT) जिस ताप पर कोई तेल जलने लगे यह उसका फायर पॉइंट कहलाता है 5 ) जल में घुलनशील (EMULSIFICATION) लुब्रीके

OIL PUMP TYPE IN HINDI

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OIL PUMP आयल पंप का काम आयल को आयल चैम्बर से खींचना और उसको प्रेशर के साथ आयल गैलरीज में भेजना होता है यदि ये पंप ख़राब हो जाये तो इंजन में लुब्रिकेशन नहीं हो पायेगा पंप केद्वारा लुब्रिकेशन को फाॅर्स फीड लुब्रिकेशन सिस्टम भी कहते है ये मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है 1) वेन टाइप (VANE TYPE OIL PUMP) 2) प्लंजर टाइप (PLUNGER TYPE OIL PUMP) 3) गियर व्हील टाइप (GEAR WHEEL TYPE OIL PUMP) 4) रोटर टाइप (ROTOR TYPE OIL PUMP) ENGINE OIL FILTER IN HINDI PROPERTIES OF LUBRICANT IN HINDI ENGINE LUBRICATION METHODS IN HINDI ENGINE OIL DEFECTS IN HINDI GEAR OIL RATING IN HINDI TYPES OF LUBRICANTS IN HINDI OIL DIPSTICK IN HINDI   वेन टाइप (VANE TYPE OIL PUMP) इसकी बॉडी बेलनाकार होती है जिसमे इनलेट और आउटलेट के मार्ग होते है इसके अंदर में एक ड्रम होता है जो एक्सेंट्रिक घूमता रहता है इस ड्रम पे स्प्रिंग के प्रेशर से दो वेन लगे होते है जिसकी सतह ड्रम की सतह से लगी रहती है जब इंजन घूमने लगता है तब ये ड्रम भी घूमता है और इनलेट के मार्ग से आयल को  खींचकर बॉडी से दबाव बन

ENGINE LUBRICATION METHODS IN HINDI

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ENGINE LUBRICATION METHODS इंजन में सभी पार्ट्स जो आपस में रगड़कर चलते है उनमे घर्षण होता है जिससे सभी पार्ट्स के घिस जाने की संभावना होती है इससे बचने के लिए लुब्रिकेशन सिस्टम यानि स्नेहन प्रणाली की आवश्कता होती है ये आयल दो सतहों के बिच पहुंचकर उनके मध्य एक परत बना देती है जो घर्षण को कम कर देती है इसके लिए इंजिन्स में मुख्य रूप से दो प्रणलियो का प्रयोग किया जाता है  ENGINE OIL FILTER IN HINDI PROPERTIES OF LUBRICANT IN HINDI OIL PUMP TYPE IN HINDI ENGINE OIL DEFECTS IN HINDI GEAR OIL RATING IN HINDI TYPES OF LUBRICANTS IN HINDI OIL DIPSTICK IN HINDI 1 ) फोर्स्ड फीड लुब्रिकेशन सिस्टम (FORCED FEED LUBRICATION SYSTEM)  2 ) स्प्लैश लुब्रिकेशन सिस्टम (SPLASH LUBRICATION SYSTEM) 1 ) फोर्स्ड  फीड लुब्रिकेशन सिस्टम :-  इसमें एक अलग तरह की आयल पंप लगी रहती है ये पंप आयल पैन यानि आयल चैम्बर में भरी आयल को दबाव के साथ इंजन की आयल गैलरीज (OIL GALLERIES) में भेजता है आयल गैलरी इंजन के सभी पार्ट्स तक पहुंच कर उनको लुब्रिकेशन प्रदान करता है  2 ) स्प्लैश लुब्रिके

ENGINE OIL DEFECTS IN HINDI

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ENGINE OIL DEFECTS:- ताप,दाब और नमी से इंजन आयल पे कई प्रभाव पड़ते है इससे आयल में परिवर्तन आ जाता है जिससे आयल अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर पाता है और इससे इंजन की कार्यछमता पर असर पड़ता है   :- ENGINE OIL FILTER IN HINDI PROPERTIES OF LUBRICANT IN HINDI OIL PUMP TYPE IN HINDI ENGINE LUBRICATION METHODS IN HINDI GEAR OIL RATING IN HINDI TYPES OF LUBRICANTS IN HINDI OIL DIPSTICK IN HINDI 1 ) स्लग का बनना :-  आयल का पेस्ट के रूप में परिवर्तित हो जाना स्लग कहलाता है इसका कारन गंदगी तेल का प्रेशर और क्रैंक केस में जब आयल गर्म होता है तब वाष्प बनता है जो स्लग का निर्माण करता है  2 ) इंजन आयल का चिपचिपापन :-  समय से तेल न बदलना और सही ग्रेड का आयल प्रयोग न करने से ऐसा होता है  3 ) तेल का पतलापन :-  पानी मिल जाना और कम्प्रेशन का लीक हो जाना इसका कारन है  4 ) कार्बन की उपस्थिति :-   एग्जॉस्ट MANIFOLD की ख़राबी और ज्यादा शक्तिशाली मिश्रण इसका प्रमुख कारन है 

GEAR OIL RATING IN HINDI

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GEAR OIL RATING S.A.E ( SOCIETY OF AUTOMOBILE ENGINEERS )  संस्था है जो भारत में गियर आयल के रेटिंग को निर्धारित है की उसकी विस्कोसिटी कितनी है इसके अतरिक्त विस्कोसिटी रेटिंग पेट्रोल इंजन के नंबर S.A , S.B , S.C , S.D कहर भागो में बंटे है इसी तरह डीज़ल इंजन के तेल के लिए C.A , C.B , C.C , और  C.D होती है ENGINE OIL FILTER IN HINDI PROPERTIES OF LUBRICANT IN HINDI OIL PUMP TYPE IN HINDI ENGINE LUBRICATION METHODS IN HINDI ENGINE OIL DEFECTS IN HINDI TYPES OF LUBRICANTS IN HINDI OIL DIPSTICK IN HINDI 1 ) S.A :- जिस इंजन में मिनरल आयल सीधे प्रयोग किये जाते है 2 ) S.B :- ये तेल को जंगरोधी और ऑक्सीडेशन से बचाती है 3 ) S.C :- धूल कण से बचाती है 4 ) S.D :- निर्धारित समय अवधि के उपयोग के लिए 5 ) C.A :- बियरिंग्स को जंग से बचाती है 6 ) C.B :- लो ग्रेड डीज़ल इंजन के लिए उपयुक्त है 7 ) C.C :- हलके सुपरचार्जेर इंजन के लिए 8 ) C.D :- हाई स्पीड डीज़ल इंजन के लिए 

TYPES OF LUBRICANTS IN HINDI

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TYPES OF LUBRICANTS स्नेहन के प्रकार गाड़ियों में अलग अलग तरह की स्नेहनो का प्रयोग किया जाता है स्नेहन तरल ठोस और अर्ध ठोस प्रकार के भी हो सकते है तरल स्नेहको में मोबिल आयल गियर आयल इसके अतरिक्त अर्ध ठोस में ग्रीस आती है और ठोस में GRAPHIDE सीसा और सोप स्टोन ये सभी आती है ENGINE OIL FILTER IN HINDI PROPERTIES OF LUBRICANT IN HINDI OIL PUMP TYPE IN HINDI ENGINE LUBRICATION METHODS IN HINDI ENGINE OIL DEFECTS IN HINDI GEAR OIL RATING IN HINDI ग्रीस (GREESE) ये अर्ध ठोस प्रकार का लुब्रीकेंट है ये गाड़ियों में सभी मूवमेंट करने वाले जोड़ो में लगाया जाता है जैसे डिस्ट्रीब्यूटर,टाई रोड ,सस्पेंशन, सिस्टम में बॉल जॉइंट, यूनिवर्सल जॉइंट ,प्रोपेलर शाफ़्ट, व्हील हब में लगाया जाता है ग्रीस जब गर्म होते है तब थोड़े से पिघलने लगते है इनके पिघलने के आधार पर इनको अलग-अलग वर्गीकृत किया गया है मोबिल आयल (MOBIL OIL) इसका प्रयोग इंजन सभी आंतरिक पार्ट्स को लुब्रिकेशन प्रदान करना होता है इसका उपयोग एयर क्लीनर डाइनेमो ब्रुश में भी किया जाता है इनको SAE रेटिंग के हिसाब से उपयोग किय

GASKET IN HINDI

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GASKET इसको आम भाषा में पैकिंग भी कहते है इंजन में दो पार्ट्स के सतहों को आपस में जोड़ने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है ताकि उनमे से गैस या तरल लीक न कर सके एक अच्छे गैस्केट में कई सारे गुण होने चाहिए  1 ) इसपे तापमान का असर जल्द ी से नहीं होना चाहिए   2 ) तेल ग्रीस और पानी आदि प्रदार्थ का इसपर कोई प्रभाव नहीं पड़न 3 )दो सतहों के बिच आसानी से फिट हो सके  गैस्केट अधिकतर एसबेस्टास शीट , रबर , कॉर्क , ताम्बे के पतली चद्दर फेल्कायड और फैल्कोपिन का बना होता है  सिलिंडर हेड गैस्केट :-  इस गैस्केट का प्रयोग सिलिंडर हेड और सिलिंडर ब्लॉक को जोड़ते समय इन दोनों के बिच लगाया जाता है  ताकि सिलिंडर में से गैस लीक न हो सके और वाटर जैकेट में से पानी भी बाहर न आ सके जब भी हेड गैस्केट को निकला जाता है तब नयी गैस्केट का प्रयोग करना चाहिये क्योंकि ये दब जाती है सिलिंडर हेड गैस्केट को अधिक तापमान सहन करना होता है इस कारण इसे ज्यादातर तांबे और एल्लुमिनियम  इसके अलावा रबर , एसबेस्टास शीट , पेपर , नायलॉन , फाइबर इन सबका प्रयोग किया जाता है 

MANIFOLD IN HINDI

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ENGINE MANIFOLD इंजन मैनिफोल्ड का सीधा मतलब रास्तो से है जो इंजन में हवा को सिलिंडर में अंदर भेजने और जली गैस को बाहर ले जाने का काम करती है ये इंजन की एक साइड या दोनों साइड लगी हो सकती है ये एक पाइप जैसी संरचना होती है जो कई स्थानो से मुड़ी होती है और प्रत्येक सिलिंडर में जाके खुलती है ये सामान्य तौर पर कास्ट आयरन की बनी होती है इसकी फ्लैंज में गैस्केट लगाकर सील कर दिया जाता है जिससे गैस लीक न कर सके इंजन में दो तरह की मैनिफोल्ड लगी होती है  इनलेट मैनिफोल्ड  (INTAKE MANIFOLD) एग्जॉस्ट मैनिफोल्ड  (EXHAUST MANIFOLD)   इनलेट मैनिफोल्ड   इन्टेक मैनिफोल्ड से ताज़ी हवा एयर फ़िल्टर से फ़िल्टर होके मैनिफोल्ड  में जाती है और  मैनिफोल्ड  इस हवा को सभी सिलिंडरो में पंहुचा देती है जब भी किसी एक सिलिंडर में सक्शन क्रिया होती है तब ये हवा उसमे चली जाती है पेट्रोल इंजन में मनिफॉल्ड को कारबुरेटर के बाद लगाया जाता है कारबुरेटर के ऊपरी सिरे पर एयर फ़िल्टर होता है और निचे मैनिफोल्ड होता है इसको इस प्रकार डिज़ाइन किया जाता है की मिश्रण सभी सिलिंडर में एक समान पहुंचे और इसकी दीवारों पर हव

VALVE CLEARANCE IN HINDI

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VALVE CLEARANCE वाल्व  क्लीयरेंस इंजन वाल्व और रॉकर आर्म  में मध्य रखा जाता है क्योंकि जब इंजन चलता है तब इंजन की गर्मी के कारण वाल्व की दंडी यानि VALVE  STEM थोड़ा लम्बा हो  जाता है जब गर्मी के कारण वाल्व स्टेम लम्बा हो जाता है तब वाल्व और रॉकर आर्म के बिच का क्लीयरेंस यानि बिच की जगह ख़त्म हो जाती है यदि ये गैप नहीं रखा जाये तो रॉकर आर्म और पुश रोड के टेढ़े होने की सम्भावना बढ़ जाती है और इंजन से  टक -टक की तेज आवाज आने लगती है तब  इंजन सही तरीके से कार्य नहीं कर पाता है उसकी MILEAGE भी घट जाती है सभी इंजन के वाल्व  क्लीयरेंस अलग अलग हो सकते है इसकेअलावा इनलेट और एग्जॉस्ट वाल्व के क्लीयरेंस अलग अलग होते है सामान्य तौर पर इनलेट के लिए क्लीयरेंस 0.006 INCH से 0.016 INCH तक रखा जाता है और एग्जॉस्ट वाल्व के  लिए 0.009 से 0.020 INCH तक रखा जाता है वाल्व के बारे में और जानने के  लिए इन लिंक्स पर क्लिक करे  VALVE ARRANGEMENT IN HINDI VALVE SPRING IN HINDI  VALVE GUIDE IN HINDI VALVE TAPPET OR LIFTER OR FOLLOWER IN HINDI VALVE SEAT IN HINDI ENGINE VALVE IN HINDI वाल्व

VALVE SEAT IN HINDI

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VALVE SEAT:-   इंजन में वाल्व खुलने व बंद होते है तो वाल्व के फेस इसी सीट में फिट होते है वाल्व सीट इसमें बैठता है इसके कारन वाल्व एयर सील बन जाता है वे वाल्व सीट सिलिंडर हेड में फिट की जाती है इसकी सतह चिकनी होती है ताकि वाल्व और फेस के बिच से गैस लीक न कर सके  ये हार्ड स्टील धातु की बानी होती है यदि ये ख़राब हो जाये तो COMBUSTION चैम्बर से गैस लीक होने लगता है इनकी फेस को ठीक करने  के लिए वाल्व सीट कटर का प्रयोग किया जाता है कटर के किनारे पर बोर कटर होता है जो सीट को काटने का काम करता है इसको सीट केऊपर लगाकर घुमाया जाता है जिससे सीट का मेटल धीरे - धीरे काटने लगता है वाल्व सीट एक रिंग के समान होती है ये सीट लम्बे समय तक ख़राब नहीं होते है ये ग्राइंडर अलग - अलग कोण और साइज और फिनशिंग के हिसाब से आते है  VALVE ARRANGEMENT IN HINDI VALVE SPRING IN HINDI  VALVE GUIDE IN HINDI VALVE TAPPET OR LIFTER OR FOLLOWER IN HINDI VALVE CLEARANCE IN HINDI ENGINE VALVE IN HINDI वाल्व सीट चार प्रकार की होती है:- 1) PLAIN 2 ) SLOTTED 3) GROOVED  4) STEPPED