clr bada hota hai size mein aur ye r0 se start hota haiye genrally colorfull hota hai  iske pass pr likha hota hai dc jack ke pass hota hai 6 gen tak ke motherboard mein clr pe voltage inject kr skte hai  lid switch 3 legs ka hota hai laptop ki screen mein magnet hota hai jisse ye swich off hota hai laptop open hone ki conditiom mein ye switch dono legs mein connectivity hoti 3 volt dono sides aane chahiye ye i/o ko signal deta hai ki laptop open hai   board mein bq name se jo ic hoti hai wo charging ic hoti hai is ic mein mainy 3 voltage check krni hoti hai first vcc second ac detect and last ac ok ac detect mein volt 2.2 se lekar 3 volt tak aana chahiye checking steps visual inspection rtc section vin

SUPERCHARGER IN HINDI

SUPERCHARGER


सुपरचार्जेर को पेट्रोल और डीज़ल दोनों इंजन में लगाया जा सकता है टर्बोचार्जर और सुपरचार्जेर में अंतर केवल इतना होता है की सुपरचार्जेर इंजन की पावर से चलता है और टर्बोचार्जर एग्जॉस्ट गैस की पावर से सुपरचार्जेर को क्रैंक शाफ़्ट से बेल्ट की सहायता से सुपरचार्जेर को चलाया जाता है इसे इनलेट मैनिफॉल्ड में लगाया जाता है इससे इंजन का कम्प्रेशन रेश्यो भी बढ़ जाता है क्योंकि ये सिलिंडर में अधिक मात्रा में हवा या पेट्रोल  इंजन में अधिक फ्यूल एयर मिश्रण को भेज सकता है जिससे कभी कभी नॉकिंग की समस्या हो जाती है सुपरचार्जर तीन तरह के होते है


1 ) सेन्ट्रीफ्यूगल टाइप
2 ) रुट एयर ब्लोअर टाइप
3 ) वेन टाइप 


सेन्ट्रीफ्यूगल टाइप 


इसमें एक रोटर लगा होता है जो 1000 rpm पर घूमता है और इस रोटर में वेन्स लगे होते है वेन्स यानि ये वो पंखे या ब्लेड होते है जो 1000 rpm पर घूमते है और बाहर  की हवा या पेट्रोल एयर मिश्रण को खींचते है और सुपरचार्जेर की आउटर केसिंग यानि जिस चीज़ से ये वेन्स ढके रहते है ये दोनों मिलकर सक्शन बनाते है जो बाहर की हवा को खींचकर उसका प्रेशर  बढाकर सिलिंडर में मैनिफॉल्ड के रस्ते भेजते है

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रुट एयर ब्लोअर टाइप 


इसमें दो रोटर लगे होते है जो epicyclic एपीसाइकिलीक घूमते है एपीसाइकिलीक यानि यदि एक रोटर घूमेगा  तो वो दूसरे रोटर को भी घुमा देगा जब सुपरचार्जेर घूमता है तब ये रोटर एक दूसरे के विपरीत दिशा में घूमने लगते है रोटर में जो लोब्स बने होते है इन लोब्स आपस में mesh यानि मिले रहते है और और आउटर केसिंग से सटकर चलते है जब इसमें मिश्रण आता है तब ये रोटर इसे केसिंग की सहायता से दबाकर इसका  देते है और आउटलेट मार्ग से इनलेट मैनिफॉल्ड में भेज देते है

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वेन टाइप 


इसकी हाउसिंग गोलाकार  इसमें एक इनलेट और एक आउटलेट का मार्ग बना होता है हाउसिंग में एक ड्रम होता है जो एक शाफ़्ट कसा होता है ये शाफ़्ट हाउसिंग में एसेन्ट्रिक यानि बिच सेण्टर में नहीं रहती है और ड्रम के बाहर वेन्स लगे होते है जो स्प्रिंग के दबाव से हाउसिंग से चिपके रहते है जब ड्रम घूमता है तब वेन्स भी घूमने लगते है और वेन्स के घूमने के कारण खिचाव बनता है जो बहार की हवा या मिश्रण को खींचता है और उसे हाउसिंग में लाता है और इसका प्रेशर बढ़ाकर इनलेट मैनिफॉल्ड में आउटलेट मार्ग से भेज देता है

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