CRDI (COMMON RAIL DIRECT FUEL INJECTION SYSTEM)
इसका प्रयोग diesal की कारो में किया जाता है इससे फ्यूल की बचत होती है और फ्यूल combustion chamber में अच्छी तरह जलती है जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होता है और पावर अच्छी मिलती है
HALL EFFECT SENSOR IN HINDI
OXIGON SENSOR IN HINDI
MAP SENSOR IN HINDI
MAF SENSOR IN HINDI
THROTTLE POSITION SENSOR IN HINDI
CRANKSHAFT POSITION SENSOR IN HINDI
COOLANT TEMPERATURE SENSOR IN HINDI
KNOCK SENSOR IN HINDI
NOX SENSOR IN HINDI
FUEL TEMPERATURE SENSOR IN HINDI
इसके मुख्य भाग
1)SOLENOID INJECTORS OR PIEZO INJECTORS:-
इसका प्रयोग crdi सीटें में किया जाता है इस इंजेक्टर्स को खोलने और बन्द करने का काम ecu के द्वारा किया जाता है ecu इंजेक्टर्स को इलेक्ट्रिक सिग्नल भेजता है सोलेनोइड और piezo इलेक्ट्रिक में पीएजो इलेक्ट्रिक इंजेक्टर्स ज्यादा अच्छे होते है
2)COMMON RAIL:- इसका प्रयोग फ्यूल को हाई प्रेशर से इंजेक्टर्स को देना होता है इनको इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि फ्यूल की मात्रा सभी इंजेक्टर्स तक समान मात्रा में पहुंचे रेल के एक सिरे पर प्रेशर लिमिटेर लगा होता है जब एक्स्ट्रा प्रेशर कॉमन रेल में आता है तब प्रेशर लिमिटेर से एक्स्ट्रा फ्यूल return pipe के जरिए फ्यूल टैंक में चला जाता है और इसी में कॉमन रेल प्रेशर सेंसर लगा होता है
3)HIGH PRESSURE PUMP:- इसका काम फ्यूल का प्रेशर बढ़ाकर कॉमन रेल में भेजना होता है इस पंप को चलाने के लिए इंजन से पावर ली जाती है इस पंप में camshaft होती है जिसे बेल्ट के द्वारा चलाया जाता है pump के फ्यूल return पाइप भी होती है
4)LOW PRESSURE PUMP:-इसका काम फ्यूल टैंक में रखे फ्यूल को पंप के जरिये टैंक से खीचना होता है और हाई प्रेशर फ्यूल पंप को भेजना होता है
5)FUEL FILTER and OIL SEPARATOR:-FILTER का काम टैंक से आ रहे फ्यूल को फ़िल्टर करके उसमें से डस्ट और महीन कणों को छानना होता है और सेपरेटर का काम फ्यूल में मौजूद पानी को फ़िल्टर करके उसे अलग करना होता है
6)ECU:-इसका काम सेंसर्स से मिल रहे डेटा के अनुसार फ्यूल इंजेक्शन की टाइमिंग और फ्यूल की मात्रा को निर्धारित करना होता है
7)FUEL TEMPRETUTEM SENSOR:-इस सेंसर का काम फ्यूल का तापमान पता करना होता है और ecu को भेजना होता है
8)FUEL RAIL PRESSURE SENSOR:-ये फ्यूल रेल में लगा होता है इसका काम रेल में मौजूद प्रेशर को पता कर ecu को भेजना है
9)CRANK SHAFT POSITION SENSOR:-इसका काम क्रैन्कशाफ्ट की स्थिति का पता लगाना होता है और ecu को भेजना होता है जिससे ये पता चल सके कि पिस्टन की स्थिति क्या है
10)PRESSURE LIMITER:-इसके काम रेल में प्रेशर को बनाये रखना है जितना प्रेशर उसमें होना चाहिए अतिरिक्त फएल को return पाइप के जरिए फ्यूल टैंक में भेज दी जाती है
SCR IN HINDI
VVT IN HINDI
CRDI IN HINDI
VARIABLE INTAKE SYSTEM
THROTTLE BODY INJECTION SYSTEM IN HINDI
PORT INJECTION SYSTEM IN HINDI
EGR SYSTEM IN HINDI
WORKING
फ्यूल टैंक से फ्यूल को लो प्रेशर पंप से खींचकर फ्यूल फ़िल्टर और वाटर सेपरेटर में भेज जाता है जहाँ से फ्यूल फ़िल्टर हो जाता है और इसी पंप के द्वारा इस को हाई प्रेशर पंप में भेजा जाता है ये हाई प्रेशर पंप फ्यूल को लगभग 1000 bar or 15000 psi का प्रेशर बनाता है और इस हाई प्रेशर फ्यूल को कॉमन रेल में भेज दिया जाता हैं इस कॉमन रेल में इंजेक्टर्स लगे होते है
जब किसी सिलिंडर में सक्शन की क्रिया होती है तब क्रैन्कशाफ्ट पोजीशन सेंसर की सहायता से ecu ये पता लगा लेता है कि किस सिलिंडर में सक्शन की क्रिया हुई है इसके पश्चात ecu उसी इंजेक्टर को खोलता है जिससे कॉमन रेल में मौजूद हाई प्रेशर फ्यूल इंजेक्टर से combustion चैम्बर में इंजेक्ट हो जाता है
Nice
ReplyDeleteO teri
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